10 तक थानों से रिटायर हो जाएगी थ्री नॉट थ्री
जंग के मैदानों में सटीक निशाने से तहलका मचाने वाली थ्री नॉट थ्री (303 बोर) रायफल आधुनिक दौर में पिछड़ने के बाद अपने 162 साल के शानदार सफर को पूरा कर रिटायर होने जा रही। इसके स्थान अब इंसास राइफल और ग्लॉक पिस्टल ने ले लिया है।
थ्री नॉट थ्री रायफल वर्ष 1857 में अस्तित्व में आई थी। वर्ष 1962 में भारतीय सैनिकों ने इसी रायफल से चीन युद्ध लड़ा था। सत्तर के दशक में इसे परिष्कृत कर सेमी ऑटोमेटिक बनाया गया। इसमें मैग्जीन लगाकर एक साथ छह फायर करने की क्षमता विकसीत गई थी।
अब अपराध के लिए इस्तेमाल हो रहे अत्याधुनिक असलहों के मुकाबले पुलिस की थ्री नॉट थ्री रायफल सक्षम साबित नहीं हो रही है। इसीलिए इस रायफल को प्रदेश के सभी जिलों के पुलिसकर्मियों के कंधों से उतारने का फैसला लिया गया था। यह फैसला दो साल पहले ही लिया गया था। प्रदेश के कुछ जिलों के शहरी थाने से इन रायफलों को रिटायर भी कर दिया गया पर देहात में उनका वजूद कायम रहा।
बीते दिनों शासन को इस आयश का पत्र लिखकर सभी जिले के कप्तानों से पूछा है कि वर्तमान में उनके यहां किसी थाने में थ्री नॉट थ्री का इस्तेमाल तो नहीं हो रहा है। रिपोर्ट तो ना में ही गई है पर अब थानेदारों से कह दिया गया है कि दस दिसम्बर तक थ्री नॉट थ्री को हर हाल में पुलिस लाइन में जमा कर दिया जाए। इसी के साथ यह माना जा रहा है कि दस दिसम्बर तक इसे रिटायर कर दिया जाएगा।
देहात के थानो में थ्री नॉट थ्री की भरमार
गोरखपुर पुलिस के पास अभी भी 303 बोर की राइफल की भरमार है। हाथी की दांत बन चुकी यह रायफल देहात क्षेत्र के ज्यादातर थाने के सिपाहियों के कंधे से अभी भी उतरी नहीं हैं। उन्हें लेकर सिपाही गश्त कर रहे हैं और होमगार्ड बैंक ड्यूटी के साथ पहरे पर भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
ट्रेनिंग से भी बाहर हो गई है थ्री नाट थ्री
थ्री नॉट थ्री (303 बोर) रायफल के स्थान पर पुलिस अब इंसास रायफल और ग्लॉक पिस्टल का इस्तेमाल कर रही है। पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण से भी थ्री नॉट थ्री रायफल को बाहर किया जा चुका है। अब इंसास रायफल की ही ट्रेनिंग दी जा रही है।
भारतीय सैनिकों ने चीन से लड़ा था
थ्री नॉट थ्री रायफल वर्ष 1857 में जवानों को थमाई गई थी। वर्ष 1962 में भारतीय सैनिकों ने इसी रायफल से चीन से युद्ध लड़ा था। सत्तर के दशक में इसे परिष्कृत कर सेमी ऑटोमेटिक बनाया गया। इसमें मैग्जीन लगाकर एक साथ छह फायर करने की क्षमता थी।
जिले के सभी थानों से थ्री नॉट थ्री रायफलें जमा करा दी गईं हैं। अगर किसी थाने पर सिपाहियों के पास अभी थ्री नॉट थ्री रायफलें हैं तो उसके बारे में रिपोर्ट लेकर उन्हें चेंज कराकर अत्याधुनिक असलहें उपलब्ध कराऊंगा।
डा. सुनील गुप्ता, एसएसपी
होमगार्डोँ को थमाई जा सकती है थ्री नॉट थ्री रायफल
पहले सेना और अब पुलिस के हाथों से रिटायर हो चुकी थ्री नॉट थ्री रायफल होमगार्ड जवानों के कंधों की शोभा बढ़ा सकती है। इसे होमगार्डों के हाथों में थमाया जा सकता है। हालांकि इस पर अभी कोई आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है पर यह माना जाता है कि होमगाडोँ को असलहे की ट्रेनिंग दी जाती है लिहाजा उन्हें इसे थमाया जा सकता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक थ्री नॉट थ्री रायफल की संख्या हजारों में है। अब इतनी मात्रा में राइफल को शासन नष्ट कराएगा या फिर इसका इस्तेमाल करेगा इसका निर्णय शासन से ही होना है।